सूरत, वीर दुर्गादास राठोड की जयंती के अवसर पर श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना दक्षिण गुजरात कार्यालय पर प्रताप सिंह दहिया के अध्यक्षता में करणी सेनिको ने माल्यापर्ण करके वीर दुर्गादास राठोड को याद किया। राष्ट्रीय प्रवक्ता पिन्टू बन्ना ताल ने बताया की आज उस वीर यौद्धा की जयंती मनाई जा रही है। जिसने इस देश का पूर्ण इस्लामीकरण करने की औरंगजेब की साजिश को विफल कर हिन्दू धर्म की रक्षा की थी। उस महान यौद्धा का नाम है वीर दुर्गादास राठौड़ इसी वीर दुर्गादास राठौड़ के बारे में कहा गया हे। कि “धम्मक धम्मक ढोल बाजे दे दे ठोर नगारां की, जो आसे के घर दुर्गा नहीं होतो। सुन्नत हो जाती सारां की। आज भी मारवाड़ के गाँवों में लोग वीर दुर्गादास राठौड़ को याद करते है कि
“माई ऐहा पूत जण जेहा दुर्गादास, बांध मरुधरा राखियो बिन खंभा आकाश”
हिंदुत्व की रक्षा के लिए उनका स्वयं का कथन
“रुक बल एण हिन्दू धर्म राखियों”
अर्थात हिन्दू धर्म की रक्षा मैंने भाले की नोक से की। इनके बारे में कहा जाता है कि इन्होने सारी उम्र घोड़े की पीठ पर बैठकर बिता दी। अपनी कूटनीति से इन्होने ओरंगजेब के पुत्र अकबर को अपनी और मिलाकर राजपूताने और महाराष्ट्र की सभी हिन्दू शक्तियों को जोडकर ओरंगजेब की रातो की नींद छीन ली थी। और हिंदुत्व की रक्षा की थी। कार्यक्रम में राजू सिंह भेसाना, गुमान सिंह, यशवंत सिंह, सागर राजपूत, रविन्द्र राजपूत, जगदीश सिंह राजपूत, गजें सिंह, इत्यादि लोग मौजूद रहे।