– अब अलग-अलग बीमारियों की एक बार में जांच कर सकेंगे
– मरीजों को मिलेगी सुविधा, ब्लड की टेस्टिंग होगी फास्ट
– विधायक समाराम गरासिया ने किया शुभारंभ
आबू रोड (राजस्थान)। राधा मोहन मेहरोत्रा ग्लोबल हॉस्पिटल ट्रॉमा सेंटर आबू रोड में प्रदेश की पहली ब्लड कंपोनेंट एक्स्ट्राक्टर एंड कैमिल्युमिनेसन्स मशीन को स्थापित किया गया है।
इस मशीन से एक साथ अलग-अलग बीमारियों की जांच की जा सकेगी। साथ ही मरीजों को ब्लड टेस्टिंग की फास्ट सुविधा मिलेगी। इस मशीन से एक-दूसरे में फैलने वाली बीमारी जैसे -एचआईवी, एचबीएसएजी, एचसीवी, वीडीआरएल की विंडो पीरियड में डिटेक्ट करती है। साथ ही इससे बल्ड के कंपोनेंट अलग किए जाएंगे। इस कार्य में विशेष रूप से रोटरी क्लब ऑफ़ अहमदाबाद रिवरफ्रंट, क्यूपर्टिनो का रोटरी क्लब का भी सहयोग रहा।
उद्घाटन कार्यक्रम में आए आबू रोड-पिंडवाड़ा विधायक समाराम गरासिया ने कहा कि ब्लड बैंक में नई मशीनें आने से यहां अब मरीजों को जल्द जांच रिपोर्ट मिल सकेगी। अस्पताल में सुविधाएं बढ़ने से इसका लाभ आसपास के मरीजों को मिलेगा। ग्लोबल हॉस्पिटल द्वारा मरीजों के लिए बहुत ही अच्छी सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।
स्वास्थ्य के क्षेत्र में यह चेरिटेबल हॉस्पिटल लोगों को सामने एक उदाहरण है। परियोजना अध्यक्ष पराग फतेहपुरिया, डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बलवंत सिंह चिराना, डीआरएफसी ललित शर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
ग्लोबल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के मैनेजिंग ट्रस्टी व ब्रह्माकुमारीज़ के महासचिव बीके बीके निर्वैर भाई ने कहा कि ट्रामा सेंटर में नई मशीनें आने से निश्चित रूप से मरीजों को लाभ मिलेगा। जल्दी से जल्दी जांच रिपोर्ट मिल सकेंगी। ग्लोबल हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. प्रताप मिड्ढा ने कहा कि अस्पताल की स्थापना से लेकर आज तक हमारा प्रयास रहा है कि हम मरीजों को कम दाम पर बेहतर से बेहतर सेवाएं कराएं।
हॉस्पिटल में लगातार नई अत्याधुनिक मशीनों के आने से निश्चित रूप से इनका लाभ मरीजों को मिलेगा। गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए हॉस्पिटल द्वारा कई विशेष सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। हाल ही में सीटी स्कैन मशीन स्थापित की गई है। इससे अब लोगों को बड़े शहर के लिए नहीं जाना पड़ेगा। अपने शहर में यह सीटी स्कैन की सुविधा मिल सकेगी।
ब्लड कंपोनेंट मशीन खून में शामिल तत्वों को करेगी अलग-अलग
ब्लड बैंक के प्रभारी धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि ब्लड कंपोनेंट मशीन खून में शामिल तत्वों को अलग-अलग कर देती है। यह मशीन लाल रक्त कणिकाएं (आरबीसी), श्वेत रक्त कणिकाएं (डब्ल्यूबीसी), प्लेटलेट्स, प्लाज्मा, फ्रेश फ्रोजन प्लाज्मा (एफएफपी) को अलग-अलग कर देती है।
थैलीसीमिया के मरीजों को आरबीसी, डेंगू के मरीजों को प्लेटलेट्स, जले मरीजों को प्लाज्मा, एफएफपी और एड्स के मरीजों को डब्ल्यूबीसी की जरूरत पड़ती है। ऐसी स्थिति में मरीज को पूरी बोतल खून चढ़ाने की जगह आवश्यक तत्व ही चढ़ाए जाते हैं।
अम्बाजी प्रहलाद पुजारी