कृषि प्रधान राज्य छत्तीसगढ़ में किसानों का प्रमुख त्योहार हरेली धूप धाम से मनाया गया। यह त्योहार श्रावण मास की अमावस्या को मनाया जाता है, इस त्यौहार के साथ ही छत्तीसगढ़ में त्योहारों का शुभारंभ हो जाता है।
छत्तीसगढ़ की मुख्य फसल धान की बुआई और रोपाई के पश्चात जब किसान पूरी तरह से निवृत हो जाता है तत्पश्चात यह त्यौहार मनाया जाता है । इस दिन डॉ. गोपा शर्मा अपने परिवार संग गांव में हल (नागर), कुदाली, गैती, फावड़ा, धमेला इत्यादि कृषि से संबंधित औजारों की पूजा कर चीला, बबरा, गुलगुला (मीठा आटे का भजिया ) का भोग प्रसाद चढ़ाकर स्वयं को इन औजारों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त किया। इस दिन नीम की डंगाल लेकर घर-घर में लगाते हैं और उन्हें उपहार स्वरूप बच्चों को कुछ दिया जाता है
और गांव में बैल दौड़ होता है एवं बच्चे बांस की गेड़ी बनाते हैं तथा उस पर चढ़कर दौड़ते व नाचते हैं। डॉ. गोपा शर्मा स्वयं गेड़ी चलाई एवं बच्चों को भी गेंड़ी पर चड़ना सिखाया। इस दिन गांव के बड़े बुजुर्ग बच्चों को विभिन्न प्रकार के खेल भी खिलाते हैं जैसे की गिल्ली डंडा, बैल दौड़,
गेड़ी दौड़ इत्यादि खेलों की जानकारी देते हुए त्योहारों की विशेषता और उसके महत्व को समझाते हुए शिक्षिका डॉक्टर गोपा शर्मा ने बच्चों को खेल-खेल में सभी त्यौहार एवं खेलों के विषय में विस्तृत जानकारी दी एवं अपने धरोहर अपने त्यौहार अपने खेल कभी नहीं भूलना चाहिए इस बात से उन्हें अवगत कराया और बच्चे काफी प्रसन्न हुए साथ में गेड़ी भी सभी को चलाना सिखाया।