पोरबंदर स्टेशन पर पार्सल ट्रेन में पोरबंदर से पश्चिम बंगाल के लिए मछली की लोडिंग गतिविधियों के दृश्य।
पश्चिम रेलवे की व्यावसायिक विकास इकाइयां (Business Development Unit-BDU) जोनल मुख्यालय और डिवीजनों में गठित की गई हैं, जो नए विचारों और पहलों को शामिल करके माल बाजार में व्यवसाय की संभावनाओं को बेहतर बनाने का एक सराहनीय काम कर रही हैं। इसी क्रम में भावनगर मण्डल की बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट (BDU) की अभिनव पहल के फलस्वरूप पोरबंदर स्टेशन से पश्चिम बंगाल के लिए पार्सल ट्रेन में मछ्ली के साथ-साथ अन्य वस्तुओं के परिवहन में बढ़ोतरी हुयी है।
भावनगर मण्डल के वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक श्री वी. के. टेलर के अनुसार वर्तमान में जब रेगुलर ट्रेनें नहीं चल रही हैं, ऐसी स्थिति में नये ग्राहकों को आकर्षित करने की संभावनाओं को तलाशने के लिए वाणिज्य विभाग द्वारा इंडस्ट्रियल सर्वे किया गया एवं बड़े व्यापारियों से मिलकर रेलवे परिवहन सेवा को अपनाने हेतु प्रेरित किया गया, जिसके फलस्वरूप रेलवे को नये ग्राहक मिले एवं रेल राजस्व में बढ़ोतरी हुयी।
भावनगर मण्डल से पोरबंदर-शालीमार पार्सल स्पेशल ट्रेन 09 अप्रैल, 2020 से चल रही है। इस पार्सल ट्रेन की 72 ट्रीप पोरबंदर स्टेशन से जा चुकी है, जिससे भावनगर डिविजन को 1.35 करोड़ रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। इस पार्सल ट्रेन में मछली, मछली पकड़ने का जाल (PVC Nets), पापड़, किचेन के सामान, हार्डवेयर, मेडिकल की वस्तुएं
(जैसे-सैनिटाइजर आदि), प्लास्टिक की वस्तुएं और अन्य सामान्य वस्तुओं का लदान किया गया है। पोरबंदर स्टेशन से 8 पार्सल वान (VPU) बुक किया गया था, जिससे डिविजन को 10.69 लाख रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। पोरबंदर स्टेशन से पश्चिम बंगाल के लिए 14,11,180 किलोग्राम मछली का लदान किया गया, जिससे रेलवे को लगभग 78 लाख रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। इसी प्रकार, 138120 किलोग्राम वजन के 2427 पैकेट मछली पकड़ने का जाल (Fishing Net/PVC Bag) का लदान किया गया, जिससे रेलवे को 751235 रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। यह मछली पकड़ने का जाल टाटा और राउरकेला भेजा गया है। इसे व्यापारियों को सड़क मार्ग से भेजने में 10 दिन का समय लगता था, जिसे रेलवे ने मात्र 40 घंटे में पहुंचा दिया। इस तरह व्यापारियों को कम समय में और सस्ती दरों पर माल भेजने की सुविधा मिल गई और रेलवे के राजस्व में भी बढ़ोतरी हुयी है। BDU की कोशिश रंग ला रही है और पोरबंदर- शालीमार पार्सल विशेष ट्रेन में परिवहन के लिए वस्तुएं बढ़ती जा रही हैं और रेल राजस्व भी उसी अनुपात में बढ़ रहा है। पश्चिम रेलवे द्वारा प्रदत्त विभिन्न प्रोत्साहनों के कारण भावनगर डिविजन में यह लदान सम्भव हो पाया है। आने वाले समय में इस तरह के ट्राफिक के और अधिक बढ़ने की संभावना है।
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वी. के. टेलर
वरि. मण्डल वाणिज्य प्रबंधक
भावनगर परा