


बचपना बहुत गंदा बिता है मां-बाप के साथ रहते ही अच्छी जिंदगी हुई है आठवीं क्लास के बाद पिता जी के गुजर जाने के बाद फैमिली का बोझ सर पे आया और दोनों बहने कमाने निकल गए सबसे पहले छोटी बहन ने मुंबई में आसरा बनाया फिर धीरे-धीरे मुझे लेकर गई मम्मी का भी देहांत हो गया था तो फैमिली में बहुत ज्यादा ही बढ़ गया धीरे-धीरे छोटी बहन ने भी कदम जब आए फिल्म इंडस्ट्री में और मैंने भी डांस क्लास ज्वाइन करी 4 साल गणेश आचार्य इंस्टिट्यूट में काम करने के बाद फिल्मों का ऑफर आने लग गया एल्बम सॉन्ग इवेंट काफी किए हैं आज इस मुकाम पर हम है कि सोशल वर्कर में बन चुकी हूं और पॉलिटिक्स की ऐसी कोई पार्टी नहीं होगी जिसने मुझे पार्टी ज्वाइन करने को ऑफर नही दिया हो । मेरा काफी नाम हो गया है साउथ में और काफी आइटम सॉन्ग और इवेंट्स भी है आज हम पशु सेवा में करती हूं और एक समाज सेविका हूं और में अभी सफल एक फिल्म अभिनेत्री हु।



















