मेरठ के सदरबाजार थानाक्षेत्र स्थित वाहनों के कब्रगाह माने जाने वाले सोतीगंज में सदर बाजार थाने के सिपाहियों की मिलीभगत व मुखबिरी के कारण वाहन काटने वाले अपराधियों के हौंसले बुलंद हैं तथा बाहरी राज्यों से आने वाली पुलिस की पहले ही मुखबिरी किये जाने से बैरंग ही इन राज्यों की पुलिस को बैरंग लौटना पड़ता है। भाजपा नेता राहुल ठाकुर ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि जियाउर रहमान निवासी जली कोठी हाल निवासी हापुड़ रोड चुंगी के पास कॉलोनी में इसका मकान है करीब 8 वर्ष पहले कांग्रेस नेता / बैंड कारोबारी नुसरत उल्लाह निवासी पटेल नगर का सुबह मॉर्निंग वॉकर घर से निकलते ही थापर नगर स्थित गोल चक्कर के पास गोली मारकर हत्या होने पर शहर में सनसनी फैल गई थी जिसमें रोज बैंड के मालिक जियाउर रहमान और उसके भाई हाफिज जी रोज बैंड के नाम से मशहूर है का नाम सामने आया था घटना के बाद सदर थाना पुलिस ने दोनों को अरेस्ट कर जेल भेजा काफी समय जेल में रहने के कारण सूत्रों से प्राप्त हुई जानकारी में सामने आया की घर में रोटियों की भी दिक्कत हो गई मर्डर केस में जेल से छूटने के बाद पैसे से परेशान यह दोनों भाई मात्र 8 या 10 साल में करोड़ों की संपत्ति के मालिक बने पटेल नगर में ऊंची ऊंची इमारतें/ अपार्टमेंट बनाकर शहर में बिल्डर के नाम से मशहूर हुए। इन दोनों भाइयों की इस कामयाबी के पीछे बहुत बड़ा काला इतिहास छुपा है पिछले कई साल से पूरा गिरोह बनाकर दिल्ली से वाहन चोरी कर मेरठ मंगाने का कारोबार चालू किया जिसमें अंदाज 8 से 10गाड़ियां ऑनडिमांड चोरी कर कर मंगाई जाती हैं जिन पर इंश्योरेंस कंपनी से आए एक्सीडेंट गाड़ियों के पेपर लगाकर पेपर के अनुसार इंजन और चेसिस नंबर बदल कर गाड़ियों को ऊंची कीमत पर बेच दिया जाता जिस गाड़ी पर जिस शहर या स्टेट के नंबर के कागज लगाए जाते जैसे दिल्ली,हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तराखंड वही ले जाकर गाड़ियों को डीलरों के द्वारा बेचा जाता इस मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल हरियाणा की पानीपत या सोनीपत जेल काट चुके इन अपराधियों का नेटवर्क इतना बड़ा है कि यह लोग जमानत मंजूर होने पर जमानती ना पेश करके जितने रुपए धन राशि के जमानती माननीय न्यायालय द्वारा मांगे जाते हैं जमानती ना लगा कर डीडी जमा करा दिए जाते हैं। इसके बाद तारीखों पर जाना खत्म और इनके द्वारा जमा किए गए डी डी जप्त कर लिए जाते हैं शातिर किस्म के यह मास्टरमाइंड लोग अभी तक जितनी भी जेलों में बंद हुए हैं जेल से छूटने के बाद केवल एक या 2 तारीख को पर ही पेश होने के बाद तारीखों पर जाना बंद कर देते हैं उसके बाद इनके डीडी जप्त होते हैं। विचार करने वाली बात यह है की रोज बैंड जोकि वक्फ बोर्ड की संपत्ति है उसके ऊपर बैंकों ने इन्हें दलालों के माध्यम से बैंकों के साथ धोखाधड़ी कर बड़ी धनराशि के लोन पास कर दिए हरियाणा दिल्ली उत्तराखंड चंडीगढ़ जो कि इनके मेन गढ़ माने जाते थे वहा कई खुलासों में इनके नाम आने के बाद इन दोनों भाइयों ने इन इलाकों को छोड़ उत्तर प्रदेश को अपना घर बनाया और इंश्योरेंस कंपनी से आई हुई गाड़ियों के कागज मतलब आरसी खरीदनी चालू कर लखनऊ,गाजियाबाद, बरेली,मुरादाबाद सहित उत्तर प्रदेश के कई जिलों में डीलरों से संपर्क कर प्रदेश के कई जिलों में गाड़ियां बेचने का पूरा नेटवर्क खड़ा कर बहुत मोटी रकम कमाई। उत्तर प्रदेश के बीच कई जिलों में इनका नाम सामने आने के बाद इन लोगों ने मध्य प्रदेश को अपना गढ़ बनाया जहां से शुरू होने के बाद इनके नेटवर्क के तार राजस्थान,महाराष्ट्र,पश्चिम बंगाल,उड़ीसा,बिहार तक जुड़ गए अब इन्हीं क्षेत्रों में यह लोग अपना कारोबार चला रहे हैं। खुद को पुलिस की नजर से बचाने के लिए अपना चेहरा एक बिल्डर के नाम से मशहूर कर लखनऊ में बैठा इनका एक रिश्तेदार चोरी की गाड़ियों के इस पूरे कारोबार को संभाल रहा है जो महीने में एक दो बार मेरठ आता है फूल बाग कॉलोनी निवासी सजनू नाम का बैंकों का दलाल इनके सारे बैंकों के काम कराता है आज तक इनके खिलाफ जिस किसी ने आवाज उठाने की कोशिश की वही इंसान इन के इशारे पर कहीं ना कहीं वाहन चोरी के मामले में फंस कर जेल चला जाता है। क्षेत्र की जनता इन लोगों से काफी परेशान है लेकिन हर कोई इनके खिलाफ आवाज उठाने से इसी वजह से कतरा का है क्योंकि इनके सारे पर जली कोठी निवासी कई लड़के वाहन चोरी के मामले में जेल काट कर आए हैं इनके द्वारा कमाई गई संपत्ति इनका बैंक बैलेंस इनके ऊपर लगे मुकदमे कहां-कहां इन्होंने जेल काटी कैसे बैंक ने ने लोन दे दिया यह सब सोचने लायक बात है। वहीं दूसरी और खुद को क्राईम ब्रांच में बताने वाले सदर थाना पुलिस के दो सिपाही इन लोगों को पूरे तरीक़े से संरक्षण देते हैं तथा इनके लिए मुखबिरी करते हैं। राजस्थान,उत्तराखंड, हरियाणा,पंजाब आदि राज्यों की पुलिस जब अपने क्षेत्रों में चोरी हुई गाडियीं की तलाश मे जब सोतीगंज आती हैं तो इन सिपाहियों द्वारा मुखबिरी कर पहले ही इन वाहन काटने वालो को सूचना दे दी जाती है तथा इन्हें फरार करा दिया जाता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार ये दोनों सिपाही इन लोगों से हर महीने मोटी रकम वसूल करते हैं जुलाई माह में दिल्ली के सुभाषनगर क्षेत्र के शकरपुर क्षेत्र से डिप्टी कमिश्नर की फार्च्यूनर कार चोरी हो गई थी यह कार शैली यादव के नाम दर्ज है। प्राप्त जानकारी के अनुसार डिप्टी कमिश्नर के हापुड़ निवासी रिश्तेदार आईपीएस अफसर हैं जिस कारण दिल्ली पुलिस के साथ हापुड़ पुलिस भी गाड़ी की तलाश में जुट गई। गाड़ी में जीपीएस सिस्टम होने के कारण गाड़ी की लोकेशन सरधना के नवादा में मिली पुलिस के अनुसार दिल्ली से चोरी हुई गाड़ी को सोतीगंज लाया गया तथा चेसिस नम्बर बदलकर मुजफ्फरनगर के एक शातिर अपराधी को भेज दी गई उसने नवादा में गाड़ी अपने रिश्तेदार के यहां खड़ी कर दी। गाड़ी दूसरे राज्य में भेजी जानी थी लेकिन उससे पहले ही क्राइमब्रांच ने सोतीगंज से गाड़ी की जानकारी जुटा ली तथा जब कबाड़ी पर दबाव बनाया गया तो सदर थाने में तैनात सिपाही कबाड़ियों की पैरवी पर उतर आए तथा हापुड़ पुलिस से शर्त रखी की गाड़ी मिल जाएगी लेकिन कबाड़ियों को परेशान ना करें ठीक 13 दिन बाद हापुड़ क्षेत्र में गाड़ी को लावारिस हालत में छोड़ दिया गया बहादुरगढ़ पुलिस ने गाड़ी को बरामद किया है। सिपाहियों के सिफारिश करने के मामले में आईजी प्रवीण कुमार ने दोनों सिपाहियों पर जांच बिठा दी है वहीं दूसरी ओर भाजपा नेता राहुल ठाकुर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डीजीपी हितेशचंद अवस्थी,एडीजी लॉ अंड आर्डर प्रशांत कुमार तथा परिवहन विभाग के अधिकारियों को शिकायती पत्र भेजते हुए कहा है कि मेरठ के सोतीगंज में बड़े पैमाने पर गाड़ियों का कटान किया जा रहा है दिन निकलते ही 20 से 25 लग्जरी गाड़ियां काट दी जाती हैं। सोतीगंज व जली कोठी के ही रहने वाले सोनी व सुहेल इन लग्जरी गाड़ियों को काटने वालो के लिए काम करते हैं तथा पलक झपकते ही गाड़ी के चेसिस नम्बर को बदल देते हैं इन दोनों सिपाहियों को चेसिस नम्बर बदलने वाले अपराधियों को इसकी जानकारी थी तभी वे दोनों इन लोगों की पैरवी कर रहे थे मेरठ में बड़े पैमाने पर चैकिंग अभियान चलाया जाए तथा इन लोगों पर कड़ी कानूनी कार्यवाही के इस गोरखधन्धे पर रोक लगाई जाए।
रिपोर्टर विकास ठाकुर