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*पश्चिम रेलवे की 408 पार्सल विशेष ट्रेनों द्वारा 79 हज़ार टन अत्यावश्यक सामग्री का परिवहन*

कोरोना महामारी के कारण आंशिक तालाबंदी की वर्तमान विपरीत परिस्थितियों के बावजूद, पश्चिम रेलवे की पार्सल विशेष ट्रेनें और माल गाड़ियाॅं देश के विभिन्न भागों में अत्यावश्यक वस्तुओं की निरंतर आपूर्ति बखूबी सुनिश्चित कर रही हैं। इन विशेष ट्रेनों के माध्यम से देश के विभिन्न हिस्सों में दूध, दवाइयों और अन्य आवश्यक उत्पादों के अलावा छोटे पार्सल आकारों में चिकित्सा उपकरणों, खाद्यान्नों आदि जैसी आवश्यक वस्तुओं के परिवहन की ज़िम्मेदारी को भी पश्चिम रेलवे द्वारा भली-भांति निभाया जा रहा है, क्योंकि यह अपने ग्राहकों की ज़रूरतों की हरसम्भव बेहतर पूर्ति के लिए हमेशा पूरी तरह से प्रतिबद्ध रही है।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, 23 मार्च से 18 जुलाई, 2020 तक कोरोना महामारी के दुष्प्रभावों के बावजूद, 408 पार्सल विशेष ट्रेनों के माध्यम से पश्चिम रेलवे द्वारा 79 हजार टन से अधिक वज़न वाली वस्तुओं का परिवहन किया गया, जिनमें कृषि उत्पाद, दवाइयाॅं, मछली, दूध आदि मुख्य रूप से शामिल थे। इस परिवहन के माध्यम से उत्पन्न आय लगभग 25.20 करोड़ रुपये रही है। इस अवधि के दौरान पश्चिम रेलवे द्वारा 60 दूध स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं, जिनमें लगभग 45 हजार टन का भार था।   और वैगनों के 100% उपयोग से लगभग 7.80 करोड़ रुपये का राजस्व उत्पन्न हुआ। इसी तरह 336 कोविड -19 विशेष पार्सल गाड़ियॉं लगभग 29 हजार टन भार के साथ   विभिन्न आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए चलाई गईं, जिनके द्वारा अर्जित राजस्व 14.82 करोड़ रुपये रहा।  इनके अलावा, 5168 टन भार वाले 12 इंडेंटेड रेक भी लगभग 100% उपयोग के साथ चलाये गये, जिनसे 2.58 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ। 22 मार्च से 18 जुलाई, 2020 तक लॉकडाउन की अवधि के दौरान, मालगाड़ियों के कुल 9536 रेकों का उपयोग पश्चिम रेलवे द्वारा 19.29 मिलियन टन आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए किया गया।18,680 मालगाड़ियों को अन्य ज़ोनल रेलों के साथ इंटरचेंज किया गया, जिनमें 8622 ट्रेनों को सौंप दिया गया और 8,624 ट्रेनों को अलग-अलग इंटरचेंज पॉइंटों पर ले जाया गया।

*लॉकडाउन के कारण नुक़सान और रिफंड अदायगी*
कोरोना वायरस के कारण पश्चिम रेलवे पर कमाई का कुल नुकसान 1784 करोड़ रुपये अनुमानित है, जिसमें उपनगरीय खंड के लिए 263 करोड़ रुपये और गैर-उपनगरीय क्षेत्र के लिए लगभग 1521 करोड़ रुपये का नुक़सान शामिल है।  इसके बावजूद 1 मार्च 2020 से 18 जुलाई, 2020 तक टिकटों के निरस्तीकरण के परिणामस्वरूप, पश्चिम रेलवे ने 398.01 करोड़ रुपये की रिफंड राशि वापस करना सुनिश्चित किया है। गौरतलब है कि इस रिफंड राशि में, अकेले मुंबई डिवीजन ने 190.20 करोड़ रुपये  का रिफंड सुनिश्चित किया है।अब तक, 61.15 लाख यात्रियों ने पूरी पश्चिम रेलवे पर अपने टिकट रद्द कर दिये हैं और तदनुसार उनकी रिफंड राशि प्राप्त की है।
रिपोर्ट बाय विपुल बारड भावनगर

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