निजी अंगों में किसी भी शुरूआती लक्ष्णों को नजरअंदाज न करें महिलाएं : डा. रोहित डढवाल
रोबोट-एडेड सर्जरी न्यूनतम रक्त स्त्राव, कम दर्द, कम निशान, कम अस्पताल में रहने और तेजी से ठीक होने को सुनिश्चित करती है
यमुनानगर, 28 जून ( ): महिलाएं अकसर अपने निजी अंगों से संबंधित बीमारियों के शुरूआती लक्ष्णों को बताने में हिचकिचाती हैं जो कि एक बड़े रोग का कारण बनता हैं तथा ज्यादातर महिलाएं रोग के अनियंत्रित होने के बाद ही अस्पताल पहुंचती हैं, परंतु अब समय के साथ-साथ चिकित्सा जगत में आई नई क्रांति से गंभीर व चुनौतीपूर्ण मामलों में मरीजों को बचाना संभव हो पाया है, वहीं रोबोटिक सर्जरी मूत्र पथ प्रणाली से संबंधित मरीजों के लिए वरदान साबित हो रही है।
यह बात जाने माने यूरोलॉजिस्ट डा. रोहित डढवाल ने यमुनानगर में आयोजित एक प्रैस कान्फ्रेंस में कही, जो कि हाथों की बजाए ‘दा विंची’ रोबोटिक सर्जरी से मरीज को उपचार के दौरान मिलती राहत जैसे खून की बर्बादी, कम दर्द, कम निशान व तुरंत राहत संबंधी जागरूक करने के लिए शहर में पहुंचे थे, जिनके द्वारा हाल ही में चिकित्सा साहित में अपनी तरह के अनेठे ऐसे मामले जिसमें एक 26 वर्षीय युवती के मूत्र नियंत्रण करने वाली जगह पर मौजूद टयूमर को सफलतापूर्वक हटाकर उसे एक सामान्य जीवन जीने के काबिल बनाया गया है।
फोर्टिस अस्पताल में यूरोलॉजी, एंड्रोलॉजी एवं रोबोटिक और लैप्रोस्कोपिक सर्जरी विभाग के कंस्लटेंंट डॉ. रोहित डढवाल ने बताया कि हाल ही में हरियाणा की एक 26 वर्षीय युवती यूरेथ्रल लेयोमायोमा (मूत्रमार्ग में बने टयूमर) से पीडि़त होने के कारण एक अत्यंत दुर्लभ स्थिति में थी। रोगी पेशाब में कठिनाई, पेशाब नली में संक्रमण, बढ़ती आवृति तथा रात में बार-बार पेशाब आने से बहुत ही चुनौतीपूर्ण समय से गुजर रही थी। इस लक्ष्णों के दौरान जांच करने पर पता चला कि युवती के मूत्रमार्ग में एक टयूमर (गांठ जैसा दिखने वाला) बन रहा है, जो कि उसके मूत्राशय को दबा रहा था।
डा. डढवाल ने बताया कि इस टयूमर को सर्जरी से हटाना ही संभव था, हालांकि इसमें एक गंभीर चुनौती यह थी कि महिलाओं में मूत्र को नियंत्रित करने की व्यवस्था इसी जगह पर मौजूद होती है, ऐसे में इस मूत्र तंत्र में किसी तरह की क्षति से पीडि़त महिला को मूत्र असंयम जैसे गंभीर परिणाम का सामना करना पड़ सकता था। उन्होंने बताया कि रोबोट एडेड सर्जरी से महिला के मूत्राशय में मौजूद टयूमर को हटा दिया गया। सर्जरी उपरांत महिला अब सामान्य जीवन जी रही है।
मामले संबंधी डा. रोहित डढ़वाल ने बताया कि महिला के मूत्रमार्ग में मौजूद बनी गांठ की हिस्टोपैथेलॉजी जांच करने पर पाया गया कि यह लेयोमायोमा/फाइब्राएड था, जो कि अकसर महिला जननांग अंगों जैसे गर्भाश्य एवं योनि में होते हैं। मूत्र पथ पर ऐसे टयूमर का बनना अत्यंत दुर्लभ है चिकित्सा साहित्य में अभी तक 40 से कम मामले मौजूद हैं।
उन्होंने बताया कि ओपन व लेप्रोस्कोपिक की बजाए रोबोटिक सर्जरी मरीज के लिए कम तकलीफ व ज्यादा लाभदायक साबित हुई है। उन्होंने बताया कि मरीज के आप्रेशन के दौरान शरीर के जिन हिस्सों तक हाथ पहुंचाना मुश्किल था, अब 360 डिग्री तक घूमने वाले रोबोट की मदद से वहां पहुंच की जा सकती है। उन्होंने बताया कि रोबोट की मदद से रोगी के शरीर में डाले गए एक विशेष कैमरे के माध्यम से ऑपरेटिव एरिया का 3डी व्यू देखकर कर उसको पूरी तरह से तंदरूस्त किया जा सकता है।
रिपोर्ट सत्यम नागपाल हरियाणा