रिपोर्टिंग आनंद गुरव सूरत
सूरत। मजबूत मनोबल और लक्ष्य को पाने का इरादा हो तो बड़ी से बड़ी चुनौती से पार उतरकर व्यक्ति लक्ष्य को हासिल कर लेता है। ऐसा ही कुछ नोबल पब्लिक स्कूल के छात्र प्रिंस राजेश गढ़िया ने कर के दिखाया। शारीरिक रूप से अक्षम और दृष्टि खामी की बीमारी से ग्रस्त प्रिंस ने 12वीं बोर्ड परीक्षा में ए -1 ग्रेड प्राप्त कर माता – पिता और स्कूल का नाम रोशन किया है। वहीं, नोबल पब्लिक स्कूल का परिणाम भी सौ फीसदी रहा।
स्कूल संचालक प्रशांत भाई ने बताया कि प्रिंस एक सामान्य परिवार का बेटा है। उसके पिता ठेले पर कपड़े बेचते है और परिवार किराए के मकान में रहता है। प्रिंस बचपन से ही दृष्टि खामी की बीमारी से ग्रस्त है। उसकी एक आंख में 24 और दूसरी में 26 नंबर है। जिससे वह एक फुट से अंतर पर भी लिखा पढ़ नहीं पाता। जब पहली कक्षा में जब उसने स्कूल में एडमिशन लिया तो तभी से वह हमारे लिए चैलेंज था। इस चैलेंज को स्कूल के शिक्षकों ने स्वीकारा तो प्रिंस ने भी अपनी ओर से पूरी मेहनत की। ब्लैक बोर्ड पर लिखा वह देख नहीं पाता है।
जिससे वह अपने सहपाठी की नोटबुक से लिखता था। बोर्ड परीक्षा के लिए उसने 30-30 पेपर रिवीजन के तौर पर सॉल्व किए थे और मार्च 2023 में हुई 12वीं बोर्ड परीक्षा में प्रिंस ने ए-1 ग्रेड प्राप्त किया है। स्कूल के आचार्य आशीष भाई ने बताया कि प्रिंस भले ही शारीरिक रूप से अक्षम हो, लेकिन पढ़ने में होशियार है। जब भी वह कोई सवाल पर अटक जाता तो वह तब तक शिक्षक के पास से दूर नहीं हटता जब तक प्रश्न का उसके समझ में नहीं आए। आचार्य ने बताया कि स्कूल के एक और छात्र ने भी ए -1 ग्रेड प्राप्त किया है। वहीं,11 विद्यार्थी ए-2 ग्रेड प्राप्त करने में सफल रहे। स्कूल का परिणाम सौ फीसदी रहा। कुल 39 विद्यार्थिओं ने परीक्षा दी थी, सभी उत्तीर्ण हुए हैं।