महाराष्ट्र-पिछले साल पूरी दुनिया में अ’चा’नक ते’जी से पहले एक वाय,रस ने आम लोगों की जिंदगी पूरी तरह से कै’द करने के साथ-साथ लगभग ब’र्बा’द करके ही रख दिया था इसी समय पूरी दुनिया को एक नए नाम का सामना करना पड़ा था जिसे लॉ’क’डा’उन का नाम दिया गया एक तरफ लोग को’रोना से डरे स’हमे रहे तो इसके बचा’व में उठाए गए लॉ’क’डा’उन जैसे कद’म से कई परिवारों की रोजी रोटी तो तबा’ह हुई ही हुई साथ ही साथ लोगों को एक वक्त का खाना तक भी मिलना मुश्किल हो गया था लेकिन इसी दौरान ऐसे ग’री’ब और जरूरतमंद परिवारों के लिए सैकड़ों लोगों ने कद’म आगे बढ़ाए और ऐसे ही जरूरतमंद परिवारों को राशन पहुंचा कर एक फरिश्ते की तरह अपनी छाप छो’ड़ गए थे।
बात करें अगर मुंबई की तो ऊंची ऊंची बिल्डिंग,महंगी महंगी गाड़ियां,फाइव स्टार जैसे होटल भले ही हमें मुंबई की पहचान के तौर पर दिखाई देते हैं लेकिन एक सच यह भी है कि उसी मुंबई में करोड़ों की आबादी ऐसी है जो झु’ग्गी झो’पड़ि’यों और फुटपाथ पर रह कर अपना जीवन गु’जा’रती है जो हर रोज मेहनत मज’दूरी करके अपना गुजर-बसर करती है लेकिन लॉ’क’डा’उन लगने के बाद उनके सामने सबसे बड़ा सं’क’ट था इनकी दो वक्त की रोटी। ऐसे में एक ऐसा नाम मसीहा के तौर पर उठकर के सामने आया जिसे पूरा देश फिल्म अभिनेता एजाज खान के नाम से जानता है।एजाज खान की सामाजिक संस्था अ’ल्लाह के बंदे (Allah Ke Bandey) की टीम ऐसे हजारों ग’री’ब परिवारों के लिए एक सहारा बनकर सामने आए और वह लगभग तीन महीनों के लंबे लॉ’क’डा’उन के दौरान हर रोज ऐसे परिवारों को खुद जा जाकर उन्हें राशन किट मुहैया करवाते थे। उस दौरान देखा गया था कि एजाज खान अपनी पूरी टीम के साथ झु’ग्गी झो’पड़ि’यों में पहुंच कर उन्हें राशन किट देते थे और समय-समय पर नगद रुपयों से भी मदद करते थे।