सूरत, श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना दक्षिण गुजरात द्वारा चित्तौड़ का पहला जौहर 26 अगस्त 1303 जो भारत की आन, बान, शान की अमूल्य धरोहर है, 16000 वीरांगनाओं ने जलते अंगारों का हार पहन लिया, हर हर महादेव के उद्घोष के साथ अग्निकुंड में खुदको आहूत किया चारित्रिक उज्ज्वलता, पवित्रता, वीरता, अपूर्व शौर्य की प्रतीक माँ पद्मिनी के जौहर दिवस पर नमन करते हुए पुष्प चढ़ाए ओर वीरांगनाओं को याद किया।