रिपोर्टिंग आनंद गुरव सूरत
कनैडियन कॉलेज ऑफ़ होम्योपैथिक मेडिसिन टोरंटो ओंटारियो द्वारा आयोजित कॉनफेरेन्स में भारतीय समय रात 11.00 से मध्यरात्रि 12.20 तक अपना व्याख्यान ऑनलाइन प्रस्तुत किया
श्रीमती कमलाबेन रावजी भाई पटेल गुजराती होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज इंदौर में प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष फिजियोलॉजी एंड बायोकेमिस्ट्री तथा सदस्य – साइन्टिफिक एडवाइजरी बोर्ड, सी सी आर एच, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार, डॉ ए के द्विवेदी इंदौर से कनाडा इस कॉनफेरेन्स में भाग लेने जाने वाले थे लेकिन वीसा नहीं मिल पाने के कारण इस कॉनफेरेन्स में सम्मिलित नहीं हो सके परंतु ज़ूम के माध्यम से अपना रिसर्च पेपर प्रस्तुत किया, जिसे वहां उपस्थित सभी चिकित्सकों ने खूब सराहा और ऑनलाइन प्रश्न – उत्तर का भी दौर चला डॉ द्विवेदी ने लोगों के जिज्ञासा को भी बखूबी शांत भी किया
डॉ द्विवेदी ने अपने 25 वर्षों के होम्योपैथिक चिकित्सा द्वारा अप्लास्टिक एनीमिया बीमारी को ठीक करने के अपने अनुभवों की गाथा को साझा किया
आपने अलग -अलग उम्र तथा महिला एवं पुरुषों की जानकारी साझा किया जो कि डॉ द्विवेदी द्वारा दी गई होम्योपैथिक इलाज से पूर्णतः स्वस्थ हो चुके हैं और वर्तमान में किसी प्रकार की कोई दवा अप्लास्टिक एनीमिया के लिए नहीं ले रहें हैं
आपने बताया की अप्लास्टिक एनीमिया के मरीजों को शरीर के किसी भी अंग से रक्तस्राव होने और उनका होम्योपैथी द्वारा ठीक करने की विस्तृत जानकारी दिया जिससे चिकित्सकों को उनके अनुभव का लाभ भविष्य में मिल सकेगा
डॉ द्विवेदी ने बताया कि रक्तश्राव ज्यादा होने पर मरीजों को ब्लड और प्लेटलेट्स लगाने की सलाह भी उनके सी बी सी जाँच के आधार पर समय समय पर दी जाती है
डॉ द्विवेदी ने उनके द्वारा समय समय पर की जाने वाली समाज सेवा, किनिःशुल्क चिकित्सा तथा एनेमिया अवेर्नेस रथ एवं देश की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी एवं वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण से मुलाकात और भारत सरकार द्वारा एनेमिया तथा सिकल सेल की बीमारी पर जीत 2047 तक हांसिल करने की बात भी दोहराई
डॉ द्विवेदी ने आर बी सी, डब्लू बी सी एवं प्लेटलेट्स बढ़ाने तथा हीमोग्लोबिन बढ़ाने के होम्योपैथिक तरीके एवं घरेलू खान पान के बारे में भी बताया जिसे सभी ने खूब सराहा
डॉ द्विवेदी के आलावा वहां पर उपथित अन्य चिकित्सक चिकित्सक वेरोनिका झामरुको, डॉ के पी नंदकुमार, डॉ शशि मोहन शर्मा, जे डी मिलर एवं शहरम आयोब्जदेह ने भी होम्योपैथिक चिकित्सा द्वारा उनके अनुभव एवं रिसर्च पेपर्स साझा किये.