Breaking NewsLatest

कोरोनावायरस मरीज़ों के लिए पश्चिम रेलवे का जगजीवन राम अस्पताल बना सही इलाज़, भावनात्मक खुशियों और अपार उम्मीदों का अनूठा केंद्र बिंदु

कोविड समर्पित जगजीवन राम अस्पताल ने 25 जुलाई, 2020 को हासिल की 1000वॉं कोरोना पॉजिटिव मरीज़ पूर्णत: स्वस्थ होकर निकलने की महत्त्वपूर्ण उपलब्धि

– पश्चिम रेलवे के जगजीवनराम राम अस्पताल में 25 जुलाई, 2020 को 1000 वें कोविड पॉज़िटिव मरीज़ के पूर्णतः स्वस्थ होकर डिस्चार्ज होने की खुशी मनाते अस्पताल के चिकित्सक, कर्मचारी और स्वस्थ हो चुके विभिन्न मरीज़।

    कोरोना वायरस महामारी के कारण घोषित लॉकडाउन के बाद से ही  पश्चिम रेलवे का जगजीवन राम अस्पताल कोरोना से लड़ाई का केंद्र बन चुका था और 4 अप्रैल, 2020 को यह  अस्पताल पूर्ण रूप से कोविड अस्पताल के रूप में तब्दील हो गया। एक अनूठे निर्णय में रेल मंत्रालय ने अप्रैल, 2020 के प्रथम सप्ताह में इस अस्पताल को 100% कोविड अस्पताल के रूप में घोषित किया गया, जो भारतीय रेल पर इस प्रकार का पहला कोविड समर्पित अस्पताल बना। यह गर्व की बात है कि 24 जुलाई, 2020 को जगजीवन राम अस्पताल ने कुल 1500 मरीज़ों को  डिस्चार्ज करने की उपलब्धि हासिल की, वहीं 25 जुलाई, 2020 का दिन जगजीवन राम अस्पताल के गौरवशाली इतिहास में दर्ज हो गया, जब इस अस्पताल में अपना सफल इलाज़ करवाने के बाद 1000 वॉं कोरोना पॉज़िटिव मरीज़ पूरी तरह स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुआ। जगजीवन राम अस्पताल द्वारा किये जाने वाले कारगर इलाज़ की बदौलत इसका रिकवरी रेट 78 प्रतिशत दर्ज हुआ है, जो पूरे देश के सभी रेलवे अस्पतालों में सबसे अधिक है। वर्तमान मुश्किल हालातों और कठिनतम चुनौतियों के बावजूद यह महत्त्वपूर्ण उपलब्धि पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक श्री आलोक कंसल के साथ-साथ सम्बंधित प्रधान विभागाध्यक्षों और पश्चिम रेलवे के मुंबई डिवीज़न के मंडल रेल प्रबंधक श्री जी वी एल सत्यकुमार के कुशल मार्गदर्शन के फलस्वरूप हासिल हो पाई है। महाप्रबंधक श्री आलोक कंसल ने इस अनूठी उपलब्धि की सराहना करते हुए जगजीवन राम अस्पताल की चिकित्सा निदेशक डॉ. हफीजुन्निसा और उनकी समूची टीम को इस उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए हार्दिक बधाई दी है।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार त्वरित कार्रवाई करते हुए जगजीवन राम अस्पताल के प्रबंधन ने मुंबई के कड़े लॉकडाउन की स्थिति और संसाधनों की कमी के बावजूद इस अस्पताल को कोविड अस्पताल के रूप में परिवर्तित करने का निर्णय लिया। तदनुरूप कार्डियोलॉजी, ज्वाइंट रिप्लेसमेंट, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और अन्य मेजर स्पेशलिटी तथा वार्ड में 300 से अधिक मरीज़ों और ओपीडी में प्रतिदिन 700 अन्य मरीज़ों का इलाज़ करने वाले इस प्रसिद्ध सुपर स्पेश्यलिटी अस्पताल को कोविड अस्पताल में तब्दील किया गया। पहले सप्ताह में ही यहॉं कोविड के इलाज़ के लिए 180 बैड उपलब्ध कराए गये, जो मुंबई क्षेत्र में उस समय किसी एक अस्पताल में कोविड मरीज़ों के लिए उपलब्ध कराई गई सर्वाधिक संख्या थी।
श्री ठाकुर ने बताया कि कोविड अस्पताल के तौर पर कार्य करते हुए जेआरएच के 111 दिनों में कुल 1,638 मरीज़ भर्ती हुए हैं, जिनमें से 1,253 मरीज़ कोविड पॉज़िटिव थे, जबकि शेष मरीज़ कोविड सम्भावित थे। इस अस्पताल से अब तक कुल 1,500 मरीज़ों को डिस्चार्ज कर दिया गया है। केवल 9 मरीज़ों को ही अन्य अस्पतालों में भेजा गया। शेष 1,629 मरीज़ों का इलाज जेआरएच में ही किया गया। भर्ती किए गए कुल मरीज़ों में 54% मरीज़ 50 वर्ष से अधिक आयु के थे। मृतकों की कुल संख्या 118 रही। जेआरएच में कोविड पॉज़िटिव मरीज़ों की औसत भर्ती अवधि 9.4 दिन प्रति मरीज रही। वर्तमान में कुल 141 मरीजों का इलाज चल रहा है, जिसमें से 130 मरीज़ कोविड पॉज़िटिव हैं और 11 सम्भावित मरीज़ हैं, जिनकी टेस्ट रिपोर्ट अभी प्रतीक्षित है।

देखभाल के साथ उपचार
पश्चिम रेलवे के जगजीवन राम अस्पताल में हमेशा से ही मरीजों का उपचार ‘हॉलिस्टिक केयर’ विधि से किया जाता है। यह भी उल्लेखनीय है कि कोविड के प्रबंधन हेतु आवश्यक समस्त व्यवस्था आरम्भिक चरण में कुछ सप्ताह के अंदर ही तय कर ली गई थी। बाद में इस घातक बीमारी से निपटने हेतु अतिरिक्त मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ की व्यवस्था, ऑक्सीजन हैंडलिंग सिस्टम की संख्या को दोगुना करने, नेगेटिव प्रेशर के एयर कंडीशनिंग सिस्टम के साथ आईसीयू में सुधार करने के अलावा इसी प्रकार की अन्य उन्नत व्यवस्थाओं द्वारा अस्पताल में कोविड प्रबंधन की क्षमता में वृद्धि एवं विकास किया गया। उपचार हेतु आने वाले मरीज़ों तथा जेआरएच के स्टाफ के लिए समुचित व्यवस्था की दृष्टि से पूरे अस्पताल को कोविड एवं नॉन-कोविड क्षेत्र के रूप में व्यवस्थित ढंग से डिज़ाइन किया गया है। मरीज़ों के प्रवेश द्वार से ‘ट्राइएज एरिया’ में प्रवेश से लेकर कोविड वार्डों में उनके उपचार तक रेजिडेंट डॉक्टर, हेल्थ अटेंडेंट, रेडियोग्राफर और ईसीजी टेक्नीशियनों द्वारा निरंतर सेवाएं प्रदान की जाती हैं, जिनके फलस्वरूप मरीजों की आवाजाही निर्बाध रूप से चल रही है और सभी व्यवस्थाएं समुचित ढंग से कार्य कर रही हैं।
एम ओ एच एफ डब्ल्यू द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार डॉक्टर, पैरामेडिक्स, लैब टेक्नीशियन से लेकर असिस्टेंट स्टाफ तक सभी हेल्थ केयर वर्करों (एच सी डब्ल्यू) को इस घातक वायरस के इलाज के लिए प्रशिक्षित, साज-सज्जित और परिनियोजित किया गया। इस असाध्य वायरस रोग के सभी पहलुओं के इलाज और कवर के लिए अभी तक आई ई सी समिति, एच आई सी सी एवं बीएमडब्ल्यू समिति, सैनिटेशन समिति, फूड एवं एकोमोडेशन समिति, ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल समिति और प्रोक्योरमेंट समिति जैसी अन्य कई समर्पित समितियों का गठन  नोडल अधिकारियों के साथ किया गया है। समूह में सभी कर्मचारियों को पीपीई डोनिंग और डोफिंग तथा चुनिंदा कर्मचारियों को वेंटिलेटर यूज़ के लिए प्रशिक्षण दिया गया है। सभी हेल्थ केयर वर्करों को एचसीक्यू / अर्सेनियम अल्बीकम निवारक उपाय के रूप में लेने के लिए कहा गया है। एमसीजीएम द्वारा जारी गाइडलाइंस और अन्य कोविड केंद्रों पर किए जा रहे अनुकरण के अनुसार सभी हेल्थ केयर वर्करों की तैनाती 7 दिनों का कार्य एवं 7 दिनों का विश्राम रोस्टर के अनुसार की गई है। हेल्थ केयर वर्करों और उनके परिवारों में संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए 14 दिनों का संस्थागत क्वारंटाइन सख्ती के साथ सुनिश्चित किया जाता है। हेल्थ केयर वर्करों के लिए मुंबई सेंट्रल के नज़दीक रेलवे आवास उपलब्ध कराया गया है। आईआरसीटीसी, एनजीओ तथा अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ-साथ आंतरिक संसाधनों की मदद के ज़रिये उन्हें पेयजल /स्नैक्स/ भोजन भी लगातार मुहैया कराया जा रहा है।
प्रारम्भ से ही चिकित्सीय देखभाल
संकट की इस घड़ी का सामना करते हुए जगजीवन राम अस्पताल की टीम ने विशेष प्रशिक्षण सामग्रियों एवं दवाइयों की खरीद जैसी गतिविधियों को की एक बहुआयामी योजना तैयार की, जिसमें सभी कोरोना मरीजों को चिकित्सीय सुविधा मुहैया कराई जा सके।
कोविड मरीजों को लाने वाले एंबुलेंस की स्क्रीनिंग आरपीएफ कर्मियों द्वारा प्रवेश द्वार पर की जाती है तथा इसके पश्चात एचसीडब्ल्यू द्वारा सभी विवरण डेटाबेस में दर्ज़ किए जाते हैं।
प्राथमिक जांच (ईसीजी तथा छाती के एक्स रे) किए जाते हैं तथा कोविड वार्ड में भेजे जाने से पूर्व मास्क एवं सैनिटाइजेशन उपलब्ध कराए जाते हैं।
कोविड वार्ड पर्याप्त रूप से सैनिटाइज़, हवादार, ठंडे तथा विशेष रूप से कोविड किट, ऑक्सीजन सप्लाई इत्यादि से लैस हैं।
अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित कोविड मरीज़ों के इलाज के लिए एम आई सी यू, एस आई सी यू, डायलिसिस तथा ऑपरेशन थिएटर को नेगेटिव प्रेशर एसी वेंटीलेटर के साथ क्रियात्मक बनाया गया है।
ज़रुरतमंद मरीज़ों  को उचित इलाज मुहैया कराने हेतु अवसंरचना विकास के और भी कार्य किए गए हैं जिनमें 1000 लिटर लिक्विड ऑक्सीजन टैंक की क्षमता को बढ़ाकर 2000 लीटर करने, 60 बी टाइप सिलेंडर को बढ़ाकर 500 करने, विद्यमान 20 डी टाइप सिलेंडर को बढ़ाकर 100 करने, वार्ड में केवल 26 ऑक्सीजन आउटलेट को बढ़ाकर 126 करने जैसे कार्य शामिल हैं।
अस्पताल की सभी जगहों के सैनिटाइजेशन पर विशेष ध्यान दिया जाता है। फ़र्श एवं सतहों की साफ़ सफ़ाई हेतु 3 बकेट सिस्टम तथा हाइपोक्लोराइट स्प्रे के विषय में हाउसकीपिंग स्टाफ को जागरूक तथा प्रशिक्षित किया गया।
पूरे समय एच सी डब्ल्यू की तैनाती सहित प्रत्येक कोविड फ्लोर पर मोबाइल कनेक्टिविटी वाले विशेष नर्सिंग स्टेशन स्थापित किए गए। इन नर्सिंग स्टेशनों में एडमिशन, डिस्चार्ज, मेडिकल प्रिसक्रिप्शन तथा एक्सरे, ईसीजी जैसी लैब रिपोर्ट से संबंधित विवरणों को बनाए रखना सुनिश्चित किया। इन्होंने डॉक्टरों से परामर्श / सलाह तथा रोगियों से समन्वय को सुगम तरीके से किया।
प्रत्येक कोविड वार्ड हॉट एंड कोल्ड वॉटर डिस्पेंसर, ऑक्सीजन इनलेट की पर्याप्त संख्या से सुसज्जित किया गया।

समुचित चिकित्सीय देखरेख
सभी रोगियों को विटामिन के साथ-साथ एंटीकोगलंट इंजेक्शन, हाई एंटीबायोटिक, हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन, एंटीवायरल ड्रग्स के रूप में दिए जा रहे है। फेफड़ों के संक्रमण ग्रसित रोगियों को पूरे समय ऑक्सीजन थेरेपी दी जा रही है। आवश्यकता के अनुसार इंवेसिव तथा नॉन इंवेसिव वेंटिलेटर सपोर्ट दिया जा रहा है।
इंजेक्शन टॉसीलिजुमैब, मूल्य रु.30,000/- प्रति वायल निर्दिष्ट मरीज़ को दिया जा रहा है। अब तक 50 मरीजों को यह इंजेक्शन दिया जा चुका है और इसके अच्छे परिणाम को देखते हुए इसके और 150 डोज़ की खरीद की जा रही है।
रेमेडेसिविर जैसे एंटीवायरल इंजेक्शन के लिए भी पहल की गई है। हाल ही में, 80 वायल की खरीद की गई है और 20 मरीजों पर यह थैरेपी शुरू कर दी गई है। इस इंजेक्शन के अच्छे परिणाम को देखते हुए 500 और डोज़ की खरीद की जा रही है।
आईसीएमआर द्वारा प्लाज्मा थेरेपी के लिए जगजीवन राम अस्पताल को भी अनुमोदन प्रदान किया गया है। जगजीवन राम अस्पताल में प्लाज्मा फेरेसिस के लिए इनहाउस सुविधा उपलब्ध है। स्वस्थ हुए 17 कोविड मरीजों से प्लाज्मा एकत्रित करने सम्बंधी डोनेशन अभियान शुरू किया कर दिया गया है। अब तक 16 मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी दी जा चुकी है।
आईसीएमआर द्वारा जगजीवन राम अस्पताल को रैपिड एंटीजेन टेस्टिंग के लिए भी अनुमोदन प्रदान किया गया है। किट्स की खरीद प्रक्रियाधीन है और टेस्टिंग सुविधा 27 जुलाई, 2020 से शुरू किए जाने की सम्भावना है।

न केवल शरीर की, मन की भी देखभाल
एक विशेष पहल के रूप में जगजीवन राम अस्पताल में इस महामारी के दौरान रोगियों के साथ-साथ कर्मचारियों की भी किसी भी भावनात्मक गड़बड़ी को दूर करने के लिए दो क्लिनिकल मनोवैज्ञानिकों को नियुक्त किया गया है। ये काउंसलर सभी वार्डों का दौरा करते हैं, मरीजों के साथ बातचीत करते हैं और सकारात्मक मानसिकता की ओर उनकी विचार प्रक्रिया पर कार्य सुनिश्चित करते हैं। मरीजों और उनके परिवार के सदस्यों के बीच विश्वास और परवाह का स्तर बढ़ाने के लिए वीडियो कम्युनिकेशन की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है। ये विधियां चिंता को दूर करने में मदद करती हैं और रोगी को बीमारी से निपटने के लिए अपने परिवार के सदस्यों से भी आवश्यक भावनात्मक मदद सुनिश्चित करती हैं। डर और चिंता की भावनाओं से निपटने के लिए कर्मचारियों और श्रमिकों के लिए विशेष सत्र आयोजित किये जाते हैं।
पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक श्री आलोक कंसल और पश्चिम रेलवे के प्रमुख मुख्य चिकित्सा निदेशक डॉ घनश्याम साहू के कुशल मार्गदर्शन में पूरी जेआरएच टीम ने बड़े उत्साह के साथ इस कठिनतम चुनौती को स्वीकार किया। पश्चिम रेलवे के मुंबई मंडल के मंडल रेल प्रबंधक श्री जीवीएल सत्यकुमार और उनकी कर्मठ टीम द्वारा अपनी क्षमताओं से परे जाकर जगजीवन राम अस्पताल के इन्फ्रास्ट्रक्चरल विस्तार के लिए ज़रूरी सभी पहलुओं को यथाशीघ्र सुनिश्चित किया गया। आवश्यक सामग्री, विशेष रूप से पीपीई किट और एन 95 मास्क न्यूनतम समय के अंदर खरीदे गए। इस प्रेरणा और प्रशिक्षण दोनों ने कोरोना कर्मयोद्धाओं को इस घातक बीमारी से लड़ने और स्वयं से परे जाकर रोगियों के जीवन को बचाने की नैतिक शक्ति प्रदान की है। जेआरएच के डॉक्टरों और पैरामेडिकल कर्मचारियों ने अपने कर्त्तव्यों के प्रति अद्वितीय समर्पण प्रदर्शित किया है। उनके इस अतुलनीय कार्य की भूरि भूरि प्रशंसा की गई है। जेआरएच प्रबंधन, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और रेलवे प्रशासन के प्रयासों को व्यापक तौर पर  सराहा जा रहा है। यहाॅं इलाज करवाकर स्वस्थ हुए मरीजों, विभिन्न संचार माध्यमों, समाचार पत्रों और राज्य सरकार द्वारा भी जगजीवन राम अस्पताल की महत्त्वपूर्ण भूमिका की भूरि-भूरि प्रशंसा की जा रही है। सही मायने में, समूची भारतीय रेल पर  जेआरएच COVID के खिलाफ एक बड़ी लड़ाई का नेतृत्व बखूबी कर रहा है। इस अस्पताल में कार्यरत डॉक्टरों, कर्मचारियों और अन्य सम्बद्ध विभागों द्वारा किये गये अनवरत प्रयासों और असाधारण समर्पण ने भारतीय रेलवे के मानवीय पहलुओं के स्तर को नई बुलंदियों तक पहुॅंचा दिया है और इस घातक वैश्विक वायरस के खिलाफ सबसे मुश्किल मगर कामयाब लड़ाई के लिए जगजीवन राम अस्पताल का नाम चिकित्सा इतिहास के यादगार अध्यायों में हमेशा के लिए दर्ज हो गया है।

रिपोर्ट बाय हेमराजसिंह वाला

GExpressNews | The latest news from India and around the world. Latest India news on Bollywood, Politics, Business, Cricket, Technology and Travel.

Related Posts

રાજ્યકક્ષાના શિક્ષણમંત્રીના અધ્યક્ષસ્થાને વલસાડના ધરમપુર ખાતે જનજાતિય ગૌરવ દિવસની ઉજવણી કરાઈ

વલસાડ, સંજીવ રાજપૂત: આદિવાસીઓના ભગવાન બિરસા મુંડાની ૧૫૦મી જન્મજયંતી નિમિત્તે…

ગુજરાત મીડિયા ક્લબ આયોજિત ‘ભારતકૂલ’ કાર્યક્રમનો અમદાવાદમાં પ્રારંભ કરાવતા મુખ્યમંત્રી ભૂપેન્દ્ર પટેલ

અમદાવાદ, સંજીવ રાજપૂત: મુખ્યમંત્રી ભૂપેન્દ્ર પટેલે અમદાવાદમાં ગુજરાત યુનિવર્સિટી…

ગોધરા ખાતે કરુણા એમ્બ્યુલન્સ ૧૯૬૨ અને ૧૦ ગામ દીઠ ફરતા પશુ દવાખાનાની ત્રિમાસિક સમીક્ષા બેઠક યોજાઇ.

એબીએનએસ, ગોધરા:: જિલ્લા ક્લેક્ટર આશિષકુમારની અધ્યક્ષતામાં જિલ્લામાં કરુણા…

1 of 670

Leave A Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *