रिपोर्टिंग आनंद गुरव सूरत
• मैं भी सुभाष अभियान को केंद्र सरकार के सांस्कृतिक मंत्रालय का प्रोत्साहन चलो दिल्ली की संकल्पना पर आधारित प्रदर्शनी देश के महान सपूत नेताजी सुभाष चंद्र बोस की १२५ वीं जयंती २३ जनवरी २०२३ को विशेष है और पूरे देश में बहुत भव्य तरीके से मनाई जाएगी।भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान सेनानी नेताजी सुभाषचंद्र बोस के कार्यों और उनके जीवन के संदर्भ में लोगों को जानकारी देने के उद्देश्य से तथा उनकी १२५ वीं जयंती राष्ट्रीय स्तर पर धूमधाम से मनाने के लिए `मैं भी सुभाष` अभियान की शुरुआत की गई है.
जानकारी से भरपूर इस अभियान को लेह, कोलकाता और मुंबई से एक साथ शुरुआत की की गई है. यह यात्रा हाल ही में पुणे पहुंची थी.
नेताजी सुभाषचंद्र बोस आईएनए ट्रस्ट की ओर से यह अभियान शुरू किया गया है और केंद्रीय सांस्कृतिक मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से अभियान को समर्थन और प्रोत्साहन दिया जा रहा है.
अभियान के तहत कोल्हापुर से चलती-फिरती प्रदर्शनी शुरुआत हो चुकी है. हाल ही में यह प्रदर्शनी पुणे पहुंची. अंदमान और निकोबार द्विपों पर नेताजी सुभाषचंद्र बोस द्वारा तिरंगा फहराने तथा वहां के द्विपों को शहीद और स्वराज नाम जिस दिन दिलाया गया उस दिन के अवसर पर यह प्रदर्शनी पुणे में आयोजित की गई.कोथरुड को गांधी भवन मार्ग पर पूना स्कूल एंड होम फाॅर ब्लाइंड गर्ल्स यहां पर यह प्रदर्शनी का उत्साह के साथ स्वागत किया गया. इस प्रोग्राम में प्रमुख अतिथि के तौर पर मशहूर लेखिका, वक्ता तथा सोशल मीडिया पर सक्रिय श्रीमती शेफाली वैद्य थीं.
पूना स्कूल एंड होम फाॅर द ब्लाइंड गर्ल्सकी प्रधान अध्यापिका श्रीमती जयश्री आनंद थत्ते इस समय उपस्थित थी.इस प्रदर्शनी में दिव्यांग बच्चों के लिए ब्रेल लिपी में पढ़ने के लिए विशेष प्रबंध किया गया था. छात्रों ने जमकर प्रदर्शनी का लाभ उठाया. दिव्यांग छात्रों के लिए इस तरह के प्रोग्राम की काफी आवश्यकता होने की बात पर उपस्थित अतिथियों ने बल दिया.
प्रदर्शनी में नेताजी के जीवन की आठ प्रमुख घटनाओं को वर्णनित किया गया है. ब्रेल लिपी में होने के चलते बच्चों को नेताजी के जीवन कार्य को पढ़ने में मदद मिली. इस प्रदर्शनी में मोबाइल पर डिस्प्ले और प्रतिमाओं के माध्यम से नेताजी के जीवन कार्य पर प्रकाश डाला गया. इस समय दिखाए गए वीडियो को सभी ने पसंद किया.
तीन अलग-अलग वाहनों पर स्थापित इस प्रदर्शनी की मुख्य संकल्पना चलो दिल्ली है. जालीम ब्रिटिश सत्ता को देश से बाहर करने की यह उनकी अनोखी घोषणा थी.नेताजी के कार्यों का प्रचार और देश के युवाओं और छात्रों में देशभक्ति की भावना जगाने के उद्देश्य से यह अभियान चलाया जा रहा है, ऐसी जानकारी आयोजकों की ओर से दी गई है.घुमती प्रदर्शनी का उद्देश्य
• नेताजी की सारी जानकारी आसानी से जहां उपलब्ध नहीं होती, ऐसे लोगों तक यह जानकारी पहुंचाना और उन्हें उनके कार्यों की अनुभूति दिलाना
• नेताजी के संदेशों को फिर से उजागर करना और युवाओं को प्रोत्साहन देना
• ग्रामीण तथा शहरी सभी लोगों को नेताजी के कार्यों की जानकारी उपलब्ध कराना
• छात्रों, युवाओं में देशभक्ति को जगाना