आज कार्यकारी अध्यक्ष संजय मित्तल ने कैनल रेस्ट हाउस, यमुना नगर में उद्योग व्यापार मंडल हरियाणा में प्रैस वार्ता का आयोजन किया ।
जिसमें मंडल की तरफ से महेन्द्र मित्तल ने प्रैस व मीडिया के माध्यम से राज्य सरकार से व्यापारी समाज की तरफ से ज्वलंत मुददों पर ताबड तोड सवाल दागे और सरकार व उनके नौ रत्न माने जाने वाले मन्त्रीयो को सवालों ही सवालों में आडे हाथ लिया।
उद्योग व्यापार मण्डल हरियाणा के पदाधिकारियों द्वारा उद्योग व्यापार मण्डल हरियाणा शाखा जिला यमुनानगर के जिला प्रभारी संदीप गांधी व जिला सचिव विपिन गुप्ता के नेतृत्व में कैनल रैस्ट हाऊस, यमुनानगर पर प्रैस वार्ता का आयोजन किया गया। प्रैस वार्ता में प्रदेशाध्यक्ष महेन्द्र मित्तल मुख्य रूप से उपस्थित रहे और पत्रकारो को सम्बोधित किया। मौके पर व महिला जिलाप्रभारी सुमन लता व कार्यकारी अध्यक्ष संजय मित्तल, प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव गुप्ता, यमुनानगर जिलाध्यक्ष दीपक कपूर, विजय अग्रवाल, विकास गाबा, रमेश वर्मा, चेतन भिक्षु भी उपस्थित रहे। बोलते हुये महेन्द्र मित्तल ने कहा की हरियाणा सरकार के द्वारा पिछले 9 वर्ष की उपलब्धियों पर बडे बडे सम्मेलन किये जा रहे हैं। जबकि प्रदेश का व्यापारी व आमजन बढती अफसरशाही व अनापशनाप टैक्सो से बहुत परेशान है। व्यापारी का बच्चा अपने व्यापार छोड कर विदेश जा रहा है। या कोरपोरेट घरानो मे नोकरी कर रहा है।
महेन्द्र मित्तल ने हरियाणा सरकार को जुमलाजीवी सरकार कहा।
उन्होने कहा की जुमलाजीवी सरकार ने झूठे प्रलोभन देकर दोबारा सत्ता हासिल की गई। प्रैस वार्ता के माध्यम से सरकार से 12 प्रश्न कर उत्तर मांगें गये।
महेन्द्र मित्तल ने लत्ते हुए कहा कि एक तो हरियाणा सरकार केन्द्र सरकार की बात तक नही मानती। केन्द्र सरकार ने जब जीएसटी लागू किया था तब घोषणा की थी की पूरे राष्ट्र मे एक ही टैक्स होगा। सभी पुराने टैक्स समाप्त कर दिये जायेंगे। दूसरे ठीक उल्टे प्रदेश सरकार ने व्यापारियों पर ट्रेड टैक्स व मार्किट फीस, डिवलैपमैन्ट टैक्स, गारबेज टैक्स आदि अनगिनत टैक्स थोप दिये।
ट्रेड टैक्स समाप्त करने की घोषणा सरकार के द्वारा कईं बार घोषणा की गई है। किन्तु आजतक सैकडों बार माँग करने पर भी अधिसूचना जारी नहीं हुई। जो की सरकार का व्यापारियों को जुमला दिया गया था।
जिस पर व्यापारी सम्मेलन कर रहे नेता व सरकार स्पष्टीकरण देना चाहिए ।
उन्होंने कहा की अनाज मण्डी मे आढतियों को घोषित कमीशन से कम कमीशन क्यों दी जा रही है। जबकि चुनावी घोषणा पत्र में खट्टर सरकार ने 2.5 प्रतिशत से बढाकर 3% करने का वादा किया था।
सारे कार्य आनलाईन होने के उपरान्त भी दामी एंव मजदूरी भी समय से नही मिलती। सरकार ने चुनावी वादा किया था कि आढती की पेमेन्ट की देरी पर सरकार से 12 प्रतिशत ब्याज दिया जायेगा। फसल की खरीद को आढती के मार्फत ही पूरी आढत खरीदा जायेगा। किन्तु आढती के साथ यहां पर भी ठगी हुई। सरकार ने हैंडलिंग एजेन्ट बना कर कपास, सरसों सीधी खरीदी। जो की आढती वर्ग के लिये गहरी चोट है।
उन्होंने कहा की सरकार अब अनाज मण्डी में भी ठेकेदारी प्रथा लागू कर रही है। उन्होंने यह भी कहा की सरकार की नितियों से ऐसा लगता है की सरकार मण्डियों का खत्म कर अडानी-अंबानी जैसों को सौंपना चाहती है। उन्होंने कहा की किरायेदार आढतियों के दुकान बदलने पर उनकी लाईसैन्स का नवीनीकरण भी नही किया जा रहा है। उन्होंने सरकार से श्वेत पत्र जारी कर बतलाने की मांग की।
महेन्द्र मित्तल ने मीडीया के माध्यम से प्रशन किया की प्लाईवुड व्यापारियों पर फोरेस्ट का लाईसैन्स अनिवार्य है तो लक्कड मण्डी मे लकडी पर मार्किट कमेटी क्यों लगा दी है। अगर फोरेस्ट लाईसैन्स लगा है तो मार्किट फीस का औचित्य नहीं बनता है। सरकार व्यापारियों से लिये हुये मार्किट कमेटी को समाप्त करे और जो मार्किट फीस ली हुई है। उसको तुरन्त ब्याज जोड कर व्यापारियों को वापिस करे। सरकार अपनी नितियां स्पष्ट करे।
महेन्द्र मित्तल ने सरकार के नगर निगम की नीतियों की भी आलोचना करते हुये सरकार से पूछा की सरकार ने किस कारण से प्राप्रटी सर्वे करवाया औऱ सर्वे कम्पनी की गलतियों का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड रहा है। त्रुटियां सुधार करने के लिये भी जनता को परेशान होना पडता है। जबकी यह सुधार तो सरकार को और कम्पनी के द्वारा अपने स्तर पर सही करना चाहिये था। नगर पालिका, नगरनिगम में आजादी के बाद से प्राप्रटी टैक्स लिया जाता रहा है।
जबकि नगरनिगम बनने के बाद से अनापशनाप टैक्सो की भरमार कर जनता का आर्थिक व मानसिक शोषण किया जा रहा है। सरकार के द्वारा डिवैलपमैन्ट टैक्स व गारबैज टैक्स लिया जा रहा है। यह जनता पर दोहरी मार है। खाली प्लाट पर भी डिवैलपमैन्ट व गारबेज टैक्स लिया जा रहा है। जबकि खाली प्लाट पर कौन सा विकास किया या वहां से कौन सा कचरा निकलता है। सरकार श्वेत पत्र जारी कर के जनता को बतलाये…
सरकार जवाब दे की ऐसा क्यों है
उन्होंने प्राप्रटी आईडी सर्वे के सुधारीकरण के कैम्प को औपचारिकता बताया।
महेन्द्र मित्तल ने कहा की अफसर शाही हावी होती जा रही है। जीएसटी सर्वे के नाम पर व्यापारियों को उत्पीडन क्यों किया जा रहा है। प्रदुषण विभाग व जंगलात विभाग जानबूझ कर व्यापारी वर्ग को तंग कर रहा है।
महेन्द्र मित्तल ने सरकारी स्कूलों मे पर्याप्त संख्या मे अध्यापक नहीं होने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों पर सरकार द्वार सख्त नियम क्यों नहीं बना रही है। जबकि निजी स्कूलों को थो शिक्षा के लिये के नो प्रोफीट नो लोस के आधार पर मुफ्त के भाव जमीनें आबंटित की गई थीं। सरकार के यहाँ भी मौन होने पर प्रशन किया।
उन्होंने कहा की चुनावी रैली को सम्बोधित करने प्रधानमंत्री जी ने जीवनदायिनी मां यमुना जी को स्वच्छ करने के वादा किया था। हमारी प्रदेश सरकार ने यमुना जी पर क्या किया। सरकार जवाब दे..
उन्होने कहा की उद्योग व्यापार मण्डल हरियाणा के द्वारा प्रदेश सरकार पूछे गये सामाजिक प्रशनो के उत्तर की समाज को प्रतिक्षा है। सरकार बडे बडे वादे करती है। घोषणाएं करती है। किन्तु सब के सब जुमले ही निकलते हैं।
संदीप गांधी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि क्या सरकार अबकी बार भी चुनावी घोषणा पत्र के स्थान पर चुनावी जुमला पत्र जारी करेगी।
रिपोर्ट सत्यम नागपाल हरियाणा